hanuman chalisa Fundamentals Explained
hanuman chalisa Fundamentals Explained
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युग सहस्त्र जोजन पर भानु का अर्थ क्या है? हनुमान चालीसा में सूर्य की दूरी और वैज्ञानिक तथ्यों का रहस्य
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
Power: Hanuman is terribly solid, 1 effective at lifting and carrying any load to get a bring about. He is called Vira, Mahavira, Mahabala and various names signifying this attribute of his. Over the epic war in between Rama and Ravana, Rama's brother Lakshmana is wounded. He can only be healed and his Demise prevented by a herb found in a selected Himalayan mountain.
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
“You flew toward the Sun that's A large number of several years of Yojanas absent, considering him to be a sweet fruit.”
श्याम-श्याम भजि बारंबारा । सहज ही हो भवसागर पारा ॥ इन सम देव न दूजा कोई ।..
अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥ राम रसायन तुह्मरे पासा ।
The authorship from the Hanuman Chalisa is attributed to Tulsidas, a poet-saint who lived in the sixteenth century CE.[10] He mentions his name in the last verse of your hymn. It is claimed within the 39th verse of your Hanuman Chalisa that whoever chants it with entire devotion to Hanuman, can have Hanuman's grace.
भावार्थ – हे हनुमान जी! चारों युगों (सत्ययुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग ) – में आपका प्रताप जगत को सदैव प्रकाशित करता चला आया है ऐसा लोक में प्रसिद्ध है।
भावार्थ – आप सारी विद्याओं से सम्पन्न, गुणवान् और अत्यन्त चतुर हैं। आप भगवान् श्री राम का कार्य (संसार click here के कल्याण का कार्य) पूर्ण करनेके लिये तत्पर (उत्सुक) रहते हैं।
व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।
व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।
Rama could be the king of all, and he would be the king of yogis. You managed all his jobs” or in other translation, “He whoever can take refuge in Rama you may take care of all their responsibilities.
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।